सेडोन पार्क का इतिहास
Seddon Park New Zealand – के नेल्सन शहर में स्थित एक प्रसिद्ध मैदान है। 1854 में स्टेडियम की स्थापना की गयी, शुरुआत में स्टेडियम नेल्सन पार्क के नाम से जाना जाता था। 1907 के दशक में, स्टेडियम का नाम न्यूजीलैंड के प्रधान मंत्री रिचर्ड सेडोन के सम्मान में रखा गया था। जिसे आज Seddon Park के नाम से जाना जाता है। इस स्टेडियम पर शुरू में रग्बी और क्रिकेट दोनों के लिए उपयोग किया जाता था। 1870 के दशक के दौरान, सेडोन पार्क न्यूजीलैंड में रग्बी का प्रमुख स्थल बन गया। 1906 में, इस मैदान को नेल्सन शहर ने न्यूजीलैंड क्रिकेट परिषद को दे दिया, इसके बाद से यह मैदान मुख्य रूप से क्रिकेट के लिए इस्तेमाल होता है।
Seddon Park New Zealand – के इस मैदान पर पहला टेस्ट मैच 1975 में खेला गया था। तब से, यह न्यूजीलैंड में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का एक प्रमुख स्थल बन गया है। इस मैदान में कई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है जिनमें ड्रेसिंग रूम और कॉर्पोरेट बॉक्स शामिल हैं।
Seddon Park New Zealand में क्रिकेट
Seddon Park New Zealand में खेले गए पहले टेस्ट मैचों में से एक की मेजबानी की थी। यह मैच 1975 में इंग्लैंड के खिलाफ हुआ था।
मैदान ने कई यादगार टेस्ट मैचों को देखा है, जिनमें 1990 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ न्यूजीलैंड की जीत और 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ न्यूजीलैंड की शानदार जीत शामिल है।
सेडोन पार्क एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए भी उपयोग किया जाता है।
यह मैदान न्यूजीलैंड के घरेलू क्रिकेट का भी आयोजन स्थल है, जिसमें प्लंकेट शील्ड और फोर्ड ट्रॉफी शामिल हैं।
Seddon Park Hamilton Pitch Report
Seddon Park New Zealand – हैमिल्टन की पिच को बल्लेबाजों के लिए शुरुआती चुनौती और बाद में बल्लेबाजी के अनुकूल माना जाता है। तेज गेंदबाज़ को इस पिच पर नई गेंद से काफी स्विंग देखने को मिलता है। इसमें उछाल और सीम मूवमेंट होता है, जिससे बल्लेबाजों को शुरुआती ओवरों में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन कुछ ओवरों के बाद, पिच थोड़ी सपाट हो जाती है और उछाल भी कम देखने को मिलता है। जिससे बल्लेबाज़ों को रन बनाने में आसानी होती है। इस मैदान पर स्पिनर उतने घातक नहीं माने जाते है, लेकिन अगर गेंदबाज सटीक गेंदबाजी करता है तो स्पिनरों को भी विकेट मिल सकते हैं। कुल मिलकर Seddon Park New Zealand की पिच एक संतुलित पिच है जो शुरुआत में गेंदबाजों को मदद करती है और बाद में बल्लेबाजों को बड़ा स्कोर बनाने का मौका देती है।